हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतने के लिए इन 6 बातों का रखें ख्याल
हार्ट अटैक के बाद सावधानी क्या बरतनी चाहिए इन 6 बातों का रखें ख्याल: दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इन्फार्कशन के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में से किसी एक में अचानक रुकावट आ जाती है। कोरोनरी धमनियों से हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। यह रुकावट, जो आमतौर पर रक्त के थक्के के कारण होती है, हृदय के एक हिस्से में रक्त के प्रवाह को गंभीर रूप से प्रतिबंधित या पूरी तरह से बंद कर देती है। इसका नतीजा यह होता है कि प्रभावित हृदय की मांसपेशियां ऑक्सीजन की कमी के कारण कमज़ोर हो जाती है। इस स्थिति में सीने में दर्द या बेचैनी होती है, जो अक्सर बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल जाती है।
दिल के दौरे के दौरान रक्त प्रवाह को रिस्टोर करने और दिल की क्षति को कम करने के लिए एंजियोप्लास्टी या स्टेंट प्लेसमेंट जैसे मेडिकल इंटरवेंशन महत्वपूर्ण है। यदि आप Jaipur में Heart Attack Treatment करवाने की सोच रहे हैं, तो आज ही डॉ अमित गुप्ता , best cardiologist in Jaipur के साथ अपना अपॉइंटमेंट बुक करें और हृदय से जुड़ी सारी बीमारियों का बेहतरीन इलाज प्राप्त करें।
हार्ट अटैक के बाद सावधानी क्या बरतनी चाहिए इन 6 बातों का रखें ख्याल? (Tips to follow after Heart Attack Take Care of These 6 Things)
हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि सावधानी से किसी भी बीमारी को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसलिए हार्ट अटैक के बाद सावधानी रखना बेहद जरूरी है। जैसे:
1. डाइट का रखें ध्यान (Healthy diet):
- हार्ट अटैक के बाद सावधानी रखना अत्यंत जरूरी है, और ऐसी स्थिति में हेल्दी डाइट फॉलो करना चाहिए। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, बीन्स, नट्स एंड सीड्स का सेवन करना लाभकारी होता है।
- हार्ट पेशेंट्स को अपने डायट में हेल्दी फैट्स जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (Extra virgin olive oil) एवं एवोकाडो (Avocado) का सेवन करना चाहिए।
- हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) बरतें और डाइट में साबुत अनाज को शामिल करें।
- मीट के सेवन को लेकर हार्ट के मरीज समझ नहीं पाते हैं, लेकिन हार्ट पेशेंट अपनी डाइट में चिकन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कम मात्रा में। वहीं अगर आप मछली खाना पसंद करते हैं, मछली (Fish) का सेवन हार्ट अटैक के बाद किया जा सकता है।
हार्ट पेशेंट ऊपर बताई गई चीजों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ होते हैं जिनका सेवन हार्ट पेशेंट्स को नहीं करना चाहिए।
2. शारीरिक रूप से एक्टिव रहें (Be Physically Active):
हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) रखना चाहते हैं, तो शरीर को फिजिकली एक्टिव रखें। बॉडी को फिजिकली एक्टिव रखने के लिए हल्के-फुल्के काम करें।
3. एक्सरसाइज करें (Do workout):
हार्ट पेशेंट अक्सर इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि हार्ट अटैक के बाद एक्सरसाइज करें या ना करें! नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार हार्ट पेशेंट्स को स्विमिंग (Swimming) या वॉकिंग (Walking) जैसे एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। हालांकि हार्ट पेशेंट को किसी भी तरह के एक्सरसाइज या योगासन को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।
4. ब्लड प्रेशर रखें कंट्रोल (Control Blood Pressure):
बढ़ता ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का मुख्य कारण माना गया है। स्ट्रोक (Stroke) की रिकवरी सबसे मुश्किल है और इसका जीवन में अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें।
5. ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level):
डाइबिटीज (Diabetes) की समस्या हार्ट अटैक (Heart attack) की आशंका को बढ़ा देती है। दरअसल जब शरीर में इंसुलिन से जुड़ी परेशानी शुरू होती है, तो शरीर में शुगर का स्तर अनियंत्रित हो जाता है और इससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हार्ट अटैक के बाद सावधानी रखना चाहते हैं, तो ब्लड शुगर लेवल बैलेंस में रखें।
6. स्मोकिंग ना करें (Avoid Smoking):
स्मोकिंग हार्ट प्रॉब्लम के साथ-साथ कैंसर का मुख्य कारण है। अगर आपको हार्ट अटैक हुआ है, तो ऐसी स्थिति में स्मोकिंग नहीं करना चाहिए एवं थर्ड हैंड स्मोकिंग से भी बचना चाहिए। वहीं अगर आपको कोई भी हेल्थ कंडीशन (Health Condition) नहीं है, तो भी स्मोकिंग से दूरी बनाये रखें।
हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतने के लिए ऊपर बताई गई छह बातों का ध्यान रखें, अगर आपको शारीरिक परेशानी महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है।
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जयपुर में हार्ट अटैक के इलाज के लिए डॉ. अमित गुप्ता को क्यों चुनें?
डॉ. अमित गुप्ता ,एक उच्च प्रशिक्षित और अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ हैं जो दिल के दौरे के इलाज में विशेषज्ञता रखते हैं। इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता यह सुनिश्चित करती है कि आपको सर्वोत्तम संभव देखभाल और उपचार विकल्प प्राप्त हो। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने सभी हृदय प्रक्रियाओं और हस्तक्षेपों में व्यापक 10 साल से ज्यादा का अनुभव प्राप्त किया है। वह जटिलताओं के न्यूनतम संभावित जोखिम के साथ सभी प्रक्रियाएं करने में माहिर हैं। उनकी मुख्य रुचि रेडियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट, जटिल कोरोनरी हस्तक्षेप, पेसिंग और आईसीडी प्रत्यारोपण, एएसडी और पीडीए डिवाइस क्लोजर, परिधीय संवहनी हस्तक्षेप, आईवीसी फिल्टर, दूसरी सीमा बैलून वाल्वोप्लास्टी और बॉल पल्मोनरी या महाधमनी कैथेटर के साथ वाल्बुलोप्लास्टी है। अनुसंधान, बुनियादी विद्युत हस्तक्षेप, आदि।
डॉ. अमित गुप्ता विभिन्न हृदय रोग उपचार भी प्रदान करते हैं जैसे कि हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक, उच्च/निम्न रक्तचाप, एनजाइना, हार्ट ब्लॉकेज, सीने में दर्द, कम हार्ट पंपिंग, खराब हार्ट फंक्शन आदि।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ): हार्ट अटैक के बाद सावधानी क्या बरतनी
1. क्या बिना किसी चेतावनी और संकेत के दिल का दौरा पड़ सकता है?
हां, कुछ दिल के दौरे हल्के या बिना किसी चेतावनी संकेत के भी हो सकते हैं, यही कारण है कि जोखिम कारकों पर ध्यान देना और हृदय-स्वस्थ आदतों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
2. क्या दिल का दौरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है?
जबकि दिल का दौरा पुरुषों में अधिक प्रचलित है, यह महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों से भिन्न हो सकते हैं।
3. क्या तनाव और भावनाएँ दिल के दौरे का कारण बन सकती हैं?
हाँ, अत्यधिक तनाव या भावनात्मक संकट संभावित रूप से दिल के दौरे को ट्रिगर कर सकता है, खासकर अंतर्निहित हृदय स्थितियों वाले व्यक्तियों में। हृदय के स्वास्थ्य के लिए तनाव का प्रबंधन आवश्यक है।
4. क्या युवा वयस्कों को दिल का दौरा पड़ सकता है?
हां, हालांकि दिल का दौरा वृद्ध व्यक्तियों में अधिक आम बात है, लेकिन यह युवा वयस्कों को भी पड़ सकता है , खासकर यदि उनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली जैसे जोखिम कारक हो।